How to Treat Dry Cracked Hands in Winter | हाथ फटने के घरेलू उपाय

सर्दी की ठंडी शुष्क हवा में नमी की कमी से, त्वचा और हाथ रुखे हो जाते हैं। आज हम जानेंगे How to treat dry cracked hands in winter यानि हाथ फटने के घरेलू उपाय।

वर्षा के उपरांत जैसे ही सर्दी के मौसम की आहट होती है,शरीर के विभिन्न अंगों पर उसका प्रतिकूल प्रभाव दृष्टिगत होने लगता है। नख से लेकर शिख तक, देखभाल की आवश्यकता हमें सर्दियों में अधिक महसूस होती है। सही देखभाल न कर पाने के कारण हमारी त्वचा और हमारे कोमल हाथ अपनी खूबसूरती खोने लगते हैं।

हाथों पर इस मौसम के बदलाव का असर अधिक पड़ता है। कोमल, मुलायम एवं आकर्षक हाथ नीरस और बेजान दिखने लगते हैं। सर्दियों में हाथों की विभिन्न समस्याओं, कारणों और उनके निदान के विषय पर आज हम आपका ध्यान केंद्रित कराना चाहते हैं। हाथ फटने के घरेलू उपाय जानने से पहले, हम ठंड के मौसम में हाथों की आम समस्याएं और हाथ फटने के कारण जानने की कोशिश करते हैं।

Words are written How to Treat Dry Cracked Hands in Winter on the image of a dry and cracked hand.

सर्दी के मौसम में हाथों की आम समस्याएं

  • हाथों में खुजली और लाल धब्बे
  • शुष्क हाथों की त्वचा का फटना
  • ठंड की वजह से हाथों की नसों में सिकुड़न
  • हाथों के घाव और फफोले
  • नाखूनों की समस्याएं

सर्द शुष्क हवा और गर्म पानी के बार बार संपर्क में आने के परिणाम स्वरूप हाथों में खुजली, लाल धब्बे, सूजन, फफोले जैसी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शुष्क हाथों की त्वचा आसानी से फटने के साथ अधिक लाली युक्त होने लगती है। अधिक संवेदनशील त्वचा होने के कारण खुजली होना तो सामान्य है। अधिक ठंड से हाथों की नसें सिकुड़ जाती है, जिसका प्रभाव रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है और परिणामस्वरूप हाथ सूजने लगते हैं।

कुछ समय उपरांत, सूजन में वृद्धि होते हैं ही दर्द भी गंभीर समस्या का रूप ले लेती है। अत्यधिक सूजन कभी कभी घाव के रूप में बदल जाती है। इन घावों की उचित देखभाल ना होने के परिणाम स्वरूप, ये फफोले का रूप धारण कर लेते हैं। हम अपनी दिनचर्या के कार्यों को करने में अपने आप को असहज महसूस करते हैं। जबकि हम जानते हैं कि नरम, कोमल और आकर्षक हाथ हर नारी के व्यक्तित्व का अहम हिस्सा है।

हाथ फटने के कारण मुख्य रुप से रक्त वाहिकाओं का ठंड के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता होना है। हाथों की त्वचा काफी पतली होती है और इसमें तैलीय ग्रंथियां भी बहुत कम होती हैं, जिसके परिणाम स्वरुप हाथों को अनगिनत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्यादा ठंड पड़ने पर उंगलियां लाल/सफेद/नीली हो जाती है। हाथों की त्वचा के फटने के साथ साथ पपड़ी भी उतरने लगती है। ठंड के कारण नाख़ून रूखे और खुरदरे हो जाते हैं। इनकी जड़ें भी कमजोर हो जाती हैं और दर्द करने लगती हैं।

हाथ फटने के कारण

  • सर्दी की ठंडी शुष्क हवा।
  • गृह कार्य के लिए गर्म या ठंडे पानी का अधिक उपयोग।
  • सैनिटाइजर और साबुन का बार बार उपयोग।
  • हाथ धोने के बाद तौलिए से रड़ना।
  • नाखूनों का लम्बा और शुष्क हो जाना।
  • हाथों पर सांवलापन

अब हम हाथ फटने के कारणों के बारे में विशेष चर्चा करेंगें। शुष्क और बेजान त्वचा वाले हाथ देखने में जहाँ खराब लगते हैं, वहीं यह आपके व्यक्तित्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। हाथ फटने के कारणों में प्रमुख कारण सर्दी है। सर्दी की ठंडी शुष्क हवाएं हाथों की त्वचा की नमी सोख कर उसे अधिक रूखी बना देती है।

सर्दियों के मौसम में, महिलाओं को गृह कार्यवश सफाई ,बर्तन, कपड़े धोना आदि अनगिनत बार ठंडे और गर्म पानी में काम करना पड़ता है। करोना काल से ही हाथों को बार-बार धोने की आदत और सैनिटाइजर का अत्यधिक इस्तेमाल भी उसी का हिस्सा है। गृहकार्य के लिए, हमें रसायनों से युक्त साबुन, डिटर्जेंट का उपयोग करना पड़ता है। इन रसायनों का प्रतिकूल प्रभाव हमारे हाथों की त्वचा पर पड़ता है। इनमें मौजूद रसायन त्वचा को ज्यादा शुष्क और बेजान बना देते हैं।

Close-up of the hands of a woman.

हाथों को बार-बार धोने के बाद हम कठोर तोलिए का उपयोग करते हैं और अपनी त्वचा को सुखाने और गर्म करने के लिए उसी कठोर तोलिए से रगड़ने लगते हैं। जिससे त्वचा संवेदनशील हो जाती है। हाथों में दरारें, जलन, दर्द अदि का सामना करना पड़ता है।

सर्दियों के मौसम में हाथों की रंगत पर भी प्रभाव पड़ता है। इसके दो कारण होते हैं। एक तो सर्दियों में धूप में बैठना किसको पसंद नहीं है? सूरज की सीधी किरणों में अधिक वक्‍त बिताने से हाथों पर कालापन हो जाती है। सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। इसका दूसरा कारण ठंडे पानी में काम करने की वजह से, हाथों पर रक्त कोशिकाओं का नीला रंग दृष्टिगोचर होने लगता है।

कठोर सर्दियों का मौसम हाथों की त्वचा के साथ-साथ आपके नाखूनों को भी प्रभावित करता है। सर्दियों में नाखून टूटने की समस्या, सूखापन, सूजन और उसमें फंगस उत्पन्न होने के साथ नाखूनों की जड़े (cuticles) भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। हम ज्यादातर नाखूनों की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए कई तरह के सौंदर्य प्रसाधन उपयोग करते हैं जैसे नेलपेंट और रिमूवर, इनमें भी रसायनों की प्रधानता रहती है जो प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।

How to Treat Dry Cracked Hands in Winter: हाथ फटने के घरेलू उपाय

  • ज्यादा ठंडे या गर्म पानी का उपयोग न करें
  • पानी के साथ काम करते हुए रबड़ के दस्ताने पहने
  • कम साबुन का इस्तेमाल करें
  • मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें
  • तोलिए से हाथों को न रगड़ें
  • दिन में दो बार हाथों और नाखूनों की तेल से मालिश करें
  • नाखून छोटे रखें
  • सांवलापन दूर करने के लिए प्राकृतिक स्क्रब का इस्तेमाल करें

गुनगुने पानी का उपयोग

आइए जानते हैं किन घरेलू उपायों को अपनाकर हम अपने हाथों की सही देखभाल करते हुए सर्दियों में भी कोमल, स्वस्थ गुलाबीपन लिए हुए हाथों को आकर्षण का केंद्र बना सकते हैं। सर्दियों के मौसम में महिलाओं को गृह कार्यवश अनगिनत बार ठंडे या गर्म पानी में काम करना पड़ता है। सबसे पहले हाथ फटने के घरेलू उपाय के रूप में आपको दिनचर्या के विभिन्न कार्यों के लिए अत्यधिक ठंडे या ज्यादा गर्म पानी के उपयोग की बजाए गुनगुने पानी का उपयोग करना चाहिए।

रबर के दस्ताने का प्रयोग

दूसरे हाथ फटने के घरेलू उपाय तौर पर आप को रबर के दस्ताने का प्रयोग करना चाहिए। बाजार में विभिन्न प्रकार के रबर से बने दस्तानों का नियमित इस्तेमाल कर आप हाथों को धूल-मिट्टी और रसायनों युक्त साबुन से अपनी त्वचा का बचाव कर सकती हैं। खुजली और शुष्क त्वचा की समस्या से निजात पा सकती हैं। इसके साथ हाथों को बार-बार ठंडे पानी के संपर्क आने से काफी हद तक बचा सकती हैं। सर्दियों में भी कोमल, स्वस्थ, गुलाबीपन लिए हुए हाथों का आनन्द उठा सकती हैं। हाथों को धोते हुए कम से कम साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए।

A person is washing utensils while wearing rubber gloves.

मॉइस्चराइजर का नियमित इस्तेमाल

हाथ फटने के घरेलू उपाय तौर पर मॉइस्चराइजर का नियमित इस्तेमाल जरुरी है। सर्दियों में सर्द हवा और कठोर मौसम की मार से बचने के लिए मॉइश्चराइज करना नितांत आवश्यक है। मॉइश्चराइज के रूप में हम प्राकृतिक एलोवेरा, दूध की मलाई, नारियल तेल, तिल का तेल या सरसों के तेल भी उपयोग कर सकते हैं। एक-दो बार हाथों को धोने के बाद गुनगुने नारियल तेल से मसाज की जाए तो हाथों की नमी बरकरार रहती है।

हाथों को गर्म रखने के लिए हमें सरसों, नारियल या तिल के तेल से दिन में दो तीन बार मसाज करनी चाहिए और दिनचर्या के कार्यों से निवृत्त होकर हाथों में दस्ताने पहनने चाहिए।

नाखूनों की देखभाल

सुंदर लम्बे नाखून हम सब को पसंद हैं, किन्तु सर्दी में नाख़ूनों का अगर ध्यान ना रखा जाए तो ये जटिल समस्या का रूप धारण कर सकते हैं। नाखूनों के पास की त्वचा अक्सर सर्दियों में छिलने लगती है। इसका कारण नमी की कमी और ठंड है। जब आप हाथ धोए तो नाखूनों के आस पास की त्वचा और नाखूनों के ऊपर भी अच्छी तरह से सरसों या नारियल का तेल लगाएं। इससे आपके नाख़ून सर्दी में भी सुंदर बने रहेंगे। कोशिश करें कि सर्दी के मौसम में नाखून ज्यादा लम्बे न हों और ज्यादा समय तक पानी में ना रहे।

ध्यान दें कि नाखूनों के आस पास विशेष मालिश करें। नाखूनों के आसपास की त्वचा ज्यादा शुष्क होकर फटने लगती है, मसाज से त्वचा में नमी के साथ, रक्त प्रवाह भी बेहतर होगा। इससे भी हाथों की त्वचा के साथ नाखूनों को पोषण मिलता है और हाथों का रूखापन दूर करने के साथ उन्हें सुंदर, नरम, मुलायम बनाने में हमारी सहायता करेगा।

तोलिए का ठीक से उपयोग

अपनी एक आदत को बदल कर, हम इसे एक प्रभावशाली हाथ फटने के घरेलू उपाय बना सकते हैं। हाथ धोने के बाद हमारी आदत उनको तोलिए से रगड़ने की होती है। हमें हाथ धोने के बाद कोमल पतले तोलिए से थपथपा कर सुखाना चाहिए। इससे हाथों की नमी बची रहेगी।

सोने से पहले हाथ फटने के घरेलू उपाय

जब भी हम हाथों को साबुन से धोते हैं, तो हाथों की सारी नमी खत्म हो जाती है। सर्दी के मौसम में आप ग्लिसरीन युक्त साबुन का उपयोग करें और बाद में कुछ बूंद सरसों का तेल या कोई आयल वाली क्रीम अपने हाथों पर लगाएं। इसे आप अपने गीले हाथों पर लगा कर मलिए और तोलिए से बिना रगड़े सुखा लीजिए। ग्लिसरीन और गुलाब जल दोनों को मिलाकर रात को हाथों पर लगा कर सो जाएं। इससे हमारे हाथों की त्वचा बहुत ही मुलायम हो जाती है और फटती भी नहीं है।

A woman is dropping oil on her hand.

नहाने से पहले हाथों पर तेल की मालिश करें, जिससे त्वचा की कोमलता बढ़ती है। इसके लिए आप सरसों या जैतून का तेल प्रयोग में ला सकती है। आप बेसन, दही तथा हल्दी को मिलाकर पेस्ट तैयार करें और हफ्ते में दो-तीन बार प्रयोग में लाइए।

हाथों का सांवलापन दूर करने का उपाय

हम घर से बाहर निकलते समय पूरे शरीर के साथ अपने हाथों में भी दस्ताने पहन लें, जिसके परिणाम स्वरूप सूरज की सीधी धूप के संपर्क में आने से हाथों की त्वचा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। हाथों के सांवलेपन को दूर करने के लिए, कच्चे दूध, चीनी और नींबू के रस की 2-4 बूंदों का मिश्रण तैयार कर अपने हाथों पर हफ्ते में एक बार स्क्रब करें। कुछ समय हल्के हाथों से मसाज करते हुए किसी टिश्यू पेपर या रूई से साफ कर लें और कोई कोमल क्रीम लगा लें।

एक अन्य प्राकृतिक हाथ फटने के घरेलू उपाय का उपयोग कर अपने हाथों को बाहरी वातावरण के प्रभाव से बचा सकती हैं। दही और केले के मिश्रण को हाथों पर मलने से, कालापन दूर होने के साथ साथ, हाथ मुलायम और आकर्षण का केंद्र बनते हैं।

कुछ सामान्य उपाय

बाह्य देखभाल के साथ-साथ आंतरिक देखभाल करना भी अति आवश्यक है, जैसे दिनचर्या में 2-3 लिटर पानी पिएं। अपने खान पान में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, सूप और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें । शरीर में गर्मी और रक्त का परिसंचरण के लिए व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। स्वस्थ, मुलायम त्वचा के लिए शाम को दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें।

हमें उम्मीद है कि आपको आपके प्रश्न How to treat dry cracked hands in winter यानि हाथ फटने के घरेलू उपाय के बारे में कुछ जानकारी मिल गई होगी। सबसे पहले, हाथ फटने के कारण पर ध्यान दें। अगर आप भी रूखे बेजान हाथों से परेशान हैं, तो आप बनाव श्रृंगार द्वारा दिए गए उपरोक्त टिप्स को अपनाकर अपने हाथों की खूबसूरती को और अधिक निखार सकती हैं। हमारे YouTube चैनल बनाव श्रृंगार को सब्सक्राइब करना न भूलें।

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