Makeup color theory की जानकारी ना होना आपको हास्य का पात्र बना सकती है। Color Wheel for Makeup का प्रयोग करके आप अपनी warm or cool skin tone का पता लगा सकती हैं। आइए जाने।
Makeup Color Theory
जब आप अपने बनाव श्रृंगार के लिए एक लिपस्टिक या मेकअप का कोई सामान खरीदती हैं, तो क्या आपको कभी ऐसा लगा कि मॉडल द्वारा जो उत्पाद उपयोग करने पर उसके व्यक्तित्व में जो निखार नज़र आ रहा था, जब वही उत्पाद आपने उपयोग किया तो आप के लुक को आकर्षक बनाने की जगह आप मज़ाक के पात्र बन गए। यह अक्सर हम सब के साथ होता है। क्या कभी इसके कारणों की ओर हमारा ध्यान गया? इसका कारण उस कंपनी द्वारा भ्रामक प्रचार नहीं होता बल्कि इसका कारण है Makeup Color Theory या रंग सिद्धांत।
उस मॉडल की त्वचा के रंग के अनुरुप उस उत्पाद का उपयोग किया गया, जबकि आपकी त्वचा का रंग उस मॉडल से भिन्न है। इस कारण वह उत्पाद आपकी त्वचा पर अलग ही प्रभाव दे रहा है। Makeup Color Theory या रंग सिद्धांत के अनुसार त्वचा के रंग के अनुरूप कुछ मेकअप के रंगों का बेमेल रूप देखने में मिलता है तो कुछ रंगों का सामंजस्य। इस कारण से यह फर्क नजर आता है।
उदाहरण स्वरुप दो अलग त्वचा के रंग पर एक ही शेड के फाउंडेशन का परिणाम भिन्न भिन्न नजर आता है। इस बात को हम आज थोड़ा गहराई से समझने का प्रयास करते हैं, ताकि अगली बार जब आप अपने लिए कोई भी मेकअप का सामान खरीदने जाएँ तो आप एक नई सोच के साथ जाएँ।
Makeup Color Theory क्या है?
रंग सिद्धांत या Makeup Color Theory को समझने के लिए, हमें रंगों की बुनियादी जानकारी होना अनिवार्य है। जैसे किन रंगों का मिलान होगा और इन रंगों के मिलन से उत्पन्न हुए, नए रंगों को हम अपने मेकअप में किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। यही रंग सिद्धांत को समझने की कला है। यह सिद्धांत हमें यह समझने में मदद करता है कि विभिन्न रंगों को एक साथ कैसे संयोजित किया जाए जो कि हमारी त्वचा के रंग के अनुरुप सबसे बेहतर हों।
रंग कैसे काम करते हैं : Makeup Color Theory
हम सब ने अपने स्कूल में पढ़ा है कि तीन प्राथमिक रंग होते हैं जैसे लाल, पीला और नीला। दो प्राथमिक रंगों को मिलाने से द्वितीयक रंग बनता है। लाल और पीला मिलाने से नारंगी, नीला और पीला मिलाने से हरा तथा लाल और नीला मिलाने से बैंगनी रंग बनता है। प्राथमिक एवं द्वितीयक रंग को मिलाने से तृतीयक रंग बनते हैं। छः तृतीयक रंग हैं: लाला-नारंगी, पीला-नारंगी, पीला-हरा, नीला-हरा, नीला-बैंगनी और लाल-बैंगनी।
Complementary Color: Makeup Color Theory
Complementary Colors या पूरक रंग वह रंग होते हैं, जो ऊपर दिए गए कलर व्हील पर एक दूसरे के सामने दृष्टिगत हो रहे हैं। जैसे लाल और हरा या नीला और नारंगी। यह पूरक रंग ही मेकअप रंग सिद्धांत (Makeup Color Theory) का एक अहम हिस्सा है।आपकी आँखों के नीचे काले घेरे हो गए हैं तो इन्हें अगर आप ध्यान से देखेंगे तो यह अक्सर आपको बैंगनी या नीले रंग के दिखाई देंगे। इन काले घेरों को हम नारंगी रंग या पीले रंग के कंसीलर से निष्क्रिय कर सकते हैं यानि छुपा सकते हैं।
प्रत्येक लड़की या महिला अपने आपको निखारने के लिए मेकअप का उपयोग करती है। मेकअप में फाउंडेशन से लेकर लिपिस्टिक, लाइनर, आईशैडो का उपयोग तो करना सभी बहुत अच्छी तरह जानते हैं। उसी प्रकार कंसीलर के रंग का चुनाव हमें अपने काले घेरों के हल्के या गहरे रंग के हिसाब से करना चाहिए। जिन लोगों के चेहरे पर लाल रंग के दाग होते हैं या पिम्पल्स के निशान होते हैं उनको छुपाने के लिए हमें हरे रंग युक्त कंसीलर का उपयोग करना चाहिए।
Contour and Highlight: Makeup Color Theory
Contour या रूपरेखा मेकअप के उस हिस्से को कहते हैं जो आपके चेहरे को शेप देता है। इसके लिए हमेशा गहरे रंगों का प्रयोग किया जाता है। जैसे कि मस्टर्ड येलो और ब्राउन कलर। Highlight या उभार के लिए हमेशा हल्के रंगों का उपयोग किया जाता है जैसे हल्का गुलाबी या फ्लोरसेंट ग्रीन। हाइलाइटर का उपयोग हम अक्सर गाल, नाक को हाइलाइट करने के लिए करते हैं। जहां यह चेहरे की त्वचा में ग्लो बढ़ाने के काम आता है वहीँ चेहरे की खूबसूरती को बढ़ा देता है। हाइलाइट मेकअप का वो अहम हिस्सा है जो चेहरे की सुंदरता को उभारने के साथ आपको आकर्षक लुक भी देता है।
आप किसी शादी या पार्टी में जा रहे हों तो अपने मेकअप में हाइलाइटर का इस्तेमाल अवश्य करें। हाइलाइटर आपके चेहरे को ग्लैमरस बना देगा इसलिए अगर आप सबसे अलग दिखना चाहती हैं तो हमेशा आपका हाइलाइटर, फाउंडेशन से मेल खाता होना चाहिए। जैसे आप तरल फाउंडेशन के साथ मेल खाता तरल हाइलाइलटर उपयोग करें। इससे चेहरे की खूबसूरती उभरकर सामने आती है।
Tint, Shade, and Tone: Makeup Color Theory
अब हम tint, shade और tone को समझते हैं। Tint को परिभाषित करने के लिए बनाव श्रृंगार का प्रयास अग्रणी है, जब किसी रंग के साथ सफेद रंग को मिलाया जाता है तो उनके मिश्रण से जो नया रंग बनता है वह टिंट कहलाता है। जैसे लाल रंग में अगर सफेद रंग मिलाए तो वह गुलाबी रंग में बदल जाता है। Shade बनाने के लिए हम किसी भी रंग में काला रंग मिलाते हैं। जैसे लाल रंग में अगर काला रंग मिलाएं तो वह मैरुन रंग बन जाता है। इसी तरह tone कलर बनाने के लिए किसी रंग में ग्रे कलर को मिलाया जाता है।
Color Temperature: Makeup Color Theory
रंगों का तापमान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। रंगों को तापमान के हिसाब से तीन भागों में बांटा जाता है, warm कलर, cool कलर और न्यूट्रल कलर । कलर व्हील में purple से yellow तक warm कलर होते हैं और blue-purple से green-yellow तक कूल कलर होते हैं। Warm कलर उन लोगों को इस्तेमाल करने चाहिए, जिनकी त्वचा का रंग गहरा होता है। cool कलर उन लोगों को इस्तेमाल करने चाहिए, जिनकी त्वचा का रंग हल्का है।
हमारी त्वचा का रंग कौन सा है: Makeup Color Theory
हम अपनी त्वचा का रंग पता लगाने के लिए अपनी कलाई की नसों को देख सकते हैं। अगर यह हरे रंग की हों तो हमें warm कलर की प्रसाधन सामग्री का उपयोग अपनी त्वचा पर करना चाहिए और अगर यह नीले रंग की हों तो हमें कूल कलर की प्रसाधन सामग्री का उपयोग अपनी त्वचा पर करना चाहिए। भारत में पहाड़ी इलाकों जैसे की कश्मीर, उत्तराखंड आदि में ज्यादातर लोग कूल कलर के होते हैं। दक्षिण भारत में त्वचा का रंग अक्सर गहरा होता है। मध्य भारत में हमें दोनों तरह की त्वचा के रंग वाले देखने को मिलते हैं।
सार: Makeup Color Theory
आज हमने मेकअप की आधारभूत जानकारी को आत्मसात करने की कोशिश की। अगर हम किसी सेलिब्रिटी को फॉलो करते हुए मेकअप के उसी उत्पाद का इस्तेमाल अपने चेहरे पर करते हैं तो जरुरी नहीं कि उससे मनोवांछित परिणाम हमें भी मिलें। इसका कारण यह है कि सबकी त्वचा के रंग रुप में भिन्नता पायी जाती है। इसके लिए हमें Makeup Color Theory को समझना पड़ेगा। रंग सिद्धांत हमें बताता है कि तीन मुख्य रंग होते हैं और बाकि सब रंग उन्ही तीनों रंगों के मिश्रण का ही परिणाम है। जिसे हमने कलर व्हील की मदद से आसान भाषा में समझा ।
हमें कैसे अपने चेहरे की रुपरेखा के अनुरुप गहरे रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए और किसी हिस्से को उभारने के लिए हल्के रंगों का उपयोग करना चाहिए। हमें अपनी त्वचा के रंग के हिसाब से रंगों का चयन करना चाहिए। अगर आपको यह जानकारी ज्ञानवर्धक लगी और प्रसाधन सामग्री में उपयुक्त रंगों के महत्त्व और चयन की पद्धिति की श्रृंख्ला का निर्वाह करते हुए अपने व्यक्तित्व को निखारने में कुछ मदद मिली हो तो हमें कमेंट कर के बताए। हमारे YouTube चैनल बनाव श्रृंगार को सब्सक्राइब करना न भूलें।
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एक आम लड़की को Makeup Color Theory जानने की क्या जरूरत है?
हर लड़की मेकअप करती है। Makeup Color Theory को अगर वह समझ लेगी, तो अपने रंग रुप को तो निखारेगी ही साथ ही कभी गलत मेकअप उत्पाद का इस्तेमाल कर के हास्य की पात्र नहीं बनेगी।
एक ही लिपस्टिक दो अलग लोगों पर अलग रंग की क्यों दिखाई देती है?
दो अलग व्यक्तियों की त्वचा का रंग अलग होता है इस लिए रंगों के शोषित और अवशोषित करने के सिद्धांत के कारण यह अलग दिखाई देती है।
क्या चेहरे पर दाग धब्बे छुपाने के लिए मेकअप रंग सिद्धांत मदद करता है ?
पूरक रंगों से हम चेहरे के दाग धब्बे छुपा सकते हैं। Makeup Color Theory में इसे विस्तार से समझाया गया है कि किस रंग के निशान को छुपाने के लिए कौन से रंग का उपयोग करना चाहिए।