कौन बहन बिना राखी मेहंदी डिजाइन (Rakhi Mehndi Design) से हाथों को सजाए भाई को राखी बांधती है। इसलिए प्रस्तुत हैं Rakhi Mehndi Design 2023, राखी स्पेशल मेहंदी, Rakshabandhan Mehndi Design Full Hand, Rakhi Mehndi Design Easy, Rakshabandhan Mehndi Design 2023, मेहंदी के फूल की डिजाइन, Rakhi Mehndi Design Easy और Rakhi Special Simple Mehndi Design.
Rakhi Mehndi Design : राखी स्पेशल मेहंदी
महिलाएं एक बगिया है, जो विविध प्रकार के फूलों रूपी रिश्तों को ममता, त्याग, समर्पण और खुशियों की सौगात से महका देती है। सावन का महीना जो शंकर भगवान की भक्ति का पावन महीना है, उसके आते ही त्योहारों की झड़ी सी लग जाती है। ऐसा लगता है मानो सावन अपने साथ खुशियों और उत्साह से भरा गुलदस्ता लेकर सभी रिश्तों को सराबोर करने आया है। सावन की शिवरात्रि के पश्चात् शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। अभी हरियाली तीज की मेहँदी का रंग हल्का ही हुआ होता है, कि राखी पर मेहँदी लगाने की तैयारी शुरू हो जाती है।
हरतालिका तीज भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि मनाई जाती है। इस दिन भी मेहँदी लगाने का चलन है। मार्केट में मेहंदी के कई ट्रेंडिंग डिजाइन ट्रेंड में है। अरेबिक और मॉडर्न मेहंदी के कंबीनेशन से बने विविध डिज़ाइन देखने में काफी आकर्षक होते हैं। बनाव श्रृंगार की टीम राखी के त्यौहार पर आपके सौंदर्य को निखारने के लिए निरंतर प्रयासरत है और उसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आपके लिए हम मेहंदी के चुनिंदा डिजाइन प्रस्तुत कर रहे हैं।
![Rakhi Mehndi Design Backhand](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/08/bs-mehndi-1822-1.webp)
रक्षाबंधन कब है?
सावन पूर्णिमा तिथि इस साल दो दिन 30 अगस्त और 31 अगस्त की है। 30 तारीख को भद्रा होने के कारण रक्षाबंधन 2023 के मुहूर्त को लेकर कुछ भ्रम है। राखी का सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर के बाद होता है, किन्तु इस साल 30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:58 AM पर शुरू होगी और 31 अगस्त को 7:05 AM तक रहेगी। चूँकि 30 अगस्त को भद्रा रात को 9:01 PM पर खत्म हो रही है, इस कारण से रक्षाबंधन के मुहूर्त 30 अगस्त रात को 9:01 PM के बाद का है।
कुछ ज्योतिषाचार्य के मत से यह अगले दिन यानि 12 अगस्त को भी है। इस भ्रम को दूर करने के लिए आप Drikpanchang का यह लेख पढ़ सकते हैं।
![A mehndi design on the backhand.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/08/bs-mehndi-1-8-22-3.webp)
रक्षाबंधन का अर्थ और मेहंदी का महत्त्व
रक्षाबंधन दो शब्दों के मेल से बना है, रक्षा और बंधन। एक ऐसा भाई बहन के प्यार और समर्पण का बंधन जो बहन की रक्षा के लिए वचनबध्द है। यह भाई बहन के स्नेह का प्रतीक त्योहार है। राखी पर मेहँदी लगाने का पारंपरिक महत्त्व है, मेहंदी लगाना हर उम्र की लड़की या स्त्री को अच्छा लगता है। रक्षाबंधन भाई बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाता है,तो वही घर में खुशियां लेकर आता है। रक्षा बंधन का त्योहार भाई को अपनी बहन के प्रति उसका कर्त्तव्य भी याद दिलाता है।
इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसकी खुशी और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं तो भाई भी राखी बांधने के बदले अपनी बहन को गिफ्ट देते हैं और उसकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा करते हैं। रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे भारत में उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया जाता है, गरीब हो या अमीर इसको सभी मनाते हैं। रक्षाबंधन तो ऐसा त्यौहार है कि बहनें सज धज कर भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हुए रक्षा का वादा लेती है, तो फिर हाथ कैसे सुने रह सकते हैं। इसलिए वह अपने हाथ मेहँदी से सजा कर ही अपने भाई को राखी बांधती हैं। मेहँदी शुभता का प्रतीक है।
![Two hands front hand with easy mehndi design.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/08/bs-mehndi-1822-2.webp)
बहनें चाहती है कि जिन हाथों से भाई की कलाई में वह राखी बांधें, वह हाथ मेहँदी से सजे हों। भाइयों से ज्यादा बहनों को बेसब्री से इंतजार रहता है, इसलिए इस दिन को खास बनाने के लिए वे महीनों से ही उसकी तैयारियों में जुट जाती हैं। अपने परिधान से लेकर बनाव श्रृंगार यहां तक की मेहंदी के ट्रेंडी डिज़ाइनों का चयन भी अपने आप को एक खास लुक देने के लिए करती है।
![A front hand with a simple and attractive mehndi design.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/08/bs-mehndi-1822-4.webp)
रक्षाबंधन का इतिहास
सभी त्योहारों का कोई ना कोई इतिहास होता है वैसे ही रक्षाबंधन के इतिहास की भी अपनी महत्ता है। रक्षाबंधन के साथ बहुत सी कहानियां जुड़ी हुई हैं। एक कहानी भगवान कृष्ण और द्रोपदी को लेकर भी है। महाभारत में वर्णित है कि जब श्री कृष्ण ने शिशुपाल को मारा था तो उनकी उंगली में चोट लग गई थी, जिससे हाथ खून से सन गए थे। फिर द्रोपदी ने अपने साड़ी का पल्लू फाड़कर कृष्ण जी के हाथ में बांध दिया था। उस दिन श्रावण पूर्णिमा थी, जिसके बदले में श्री कृष्ण ने द्रौपदी को मुसीबत के समय सहायता करने का वचन दिया था।
![Front hand with mehndi design and fingertips fully covered with mehndi design.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/08/bs-mehndi-1-8-22-4.webp)
मेहँदी के डिज़ाइन : Rakhi Mehndi Design
रक्षाबंधन को लेकर ऐसी ही कई अन्य पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं। सब महिलाएं विभिन्न प्रकार के डिज़ाइनों की मेहंदी का शौक रखती हैं। इस दिन बहनों की श्रृंगार का अहम हिस्सा मेहंदी ही होती है, मायके जाने का उत्साह उनके चेहरे पर मुस्कान की छटा बिखेर देता है और एक से बढ़कर एक मेहंदी के डिजाइन उनके हाथों की शोभा को बढ़ा देते हैं। कुछ आसान मेहंदी डिजाइन हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं जिन्हें लगाकर आप अपने हाथों की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं आप इसे आसानी से घर पर लगा सकते हैं पार्लर जाने के लिए जरूरत नहीं।
![A light mehndi backhand design looks like an ornament.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/08/bs-mehndi-1-8-22-7.webp)
राखी और पुरानी यादें
राखी का समय भाई बहन के लिए पुरानी यादें ताजा करने का वह समय होता है, खासतोर पर तब जब बहन की शादी हो गई हो और वह रक्षाबंधन के लिए अपने पीहर आती है। भाई बहन के रिश्ते को फिर से हरा-भरा करने पूर्णिमा का चांद अपनी चांदनी बिखेरता हुआ, भाई की वचनबद्धता और बहन की ममता और दुलार रिश्ते को फिर से सदाबहार बना देता है। कच्चे धागों और सच्ची रक्षा का वचन इस सावन के मौसम में रंग-बिरंगे, अनोखे, अनूठे प्यार भरे अंदाज में बचपन की सभी खट्टी, मीठी यादों, रूठना-मनाना, दोस्ती-झगड़ा ,रोना-हंसाना आदि खुशियों की सौगात लेकर आता है।
![A front hand simple and easy mehndi design.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/08/bs-mehndi-1-8-22-8.webp)
रेडीमेड मेहंदी : Rakhi Mehndi Design
इन दिनों बाजारों में वैसे तो मेहंदी लगाने और लगवाने वालों की लाइनें लगी होती है। महिलाओं की व्यस्तता को देखते हुए कई ब्रांड की रेडीमेड मेहँदी भी आज बाज़ारों की शोभा का अभिन्न अंग है। रेडीमेड मेहंदी लगाने का प्रचलन भी बढ़ गया है, लेकिन नेचुरल मेहंदी ना सिर्फ देखने में खूबसूरत लगती है बल्कि हाथों और सेहत के लिए भी लाभदायक होती है।
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रक्षाबंधन 2023 कब है?
सावन पूर्णिमा तिथि इस साल दो दिन 30अगस्त और 31 अगस्त की है। 30 तारीख को भद्रा होने के कारण रक्षाबंधन 2023 के मुहूर्त को लेकर कुछ भ्रम है। राखी का सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर के बाद होता है, किन्तु इस साल 30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:58 AM पर शुरू होगी और 31 अगस्त को 7:05 AM तक रहेगी। चूँकि 30 अगस्त को भद्रा रात को 9:01 PM पर खत्म हो रही है, इस कारण से रक्षाबंधन के मुहूर्त 30 अगस्त रात को 9:01 PM के बाद का है। कुछ ज्योतिषाचार्य के मत से यह अगले दिन यानि 31 अगस्त को भी है।
रक्षाबंधन का क्या अर्थ है?
रक्षाबंधन दो शब्दों के मेल से बना है, रक्षा और बंधन। एक ऐसा भाई बहन के प्यार और समर्पण का बंधन जो बहन की रक्षा के लिए वचनबध्द है। यह भाई बहन के स्नेह का प्रतीक त्योहार है।
राखी और मेहँदी का क्या सम्बन्ध है?
राखी पर मेहँदी लगाने का पारंपरिक महत्त्व है, मेहंदी लगाना हर उम्र की लड़की या स्त्री को अच्छा लगता है। रक्षाबंधन तो ऐसा त्यौहार है कि बहनें सज धज कर भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हुए रक्षा का वादा लेती है, तो फिर हाथ कैसे सुने रह सकते हैं। इसलिए वह अपने हाथ मेहँदी से सजा कर ही अपने भाई को राखी बांधती हैं।