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7 तीज मेहंदी डिजाइन : Mehndi Teej Special
भारतवर्ष में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। वैसे तो हर मास में दो बार तीज आती है, लेकिन हरियाली तीज का त्योहार हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है। हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज यह त्यौहार महिलाओं के लिए बहुत खास होते हैं। सावन मास में ही एक और प्रमुख त्यौहार रक्षाबंधन भी आता है। श्रावण मास यानि वर्षा का समय और इस समय प्रकृति हरी चादर ओढ़ लेती है। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है।
मेहंदी नारी श्रृंगार का एक अभिन्न अंग है और मेहंदी का रंग भी हरा होता है, लेकिन रचने के बाद नारंगी और दो दिन बाद यह गहरा भूरा हो जाता है। मेहंदी के बिना हर रीति-रिवाज अधूरा माना जाता है। तीज मेहंदी डिजाइन में आपके लिए आज हम 7 तीज मेहंदी डिजाइन प्रस्तुत हैं। लीजिये पेश हैं तीज मेहंदी डिजाइन बैक हैंड सिंपल।
![A mehndi design on back hand, a special Teej mehndi design.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/07/mehndi-png.webp)
भारतीय परंपरा में मेहंदी का प्रचलन 12 वीं शताब्दी में मुगलों के समय से होता आ रहा है, क्योंकि शादी ब्याह से लेकर तीज त्यौहार इसके बिना अधूरे हैं। मेहंदी के पत्तों को सुखाने के बाद पीसा जाता है, पीसने के बाद इसे पानी में घोलकर कोन में भर कर विविध प्रकार के डिज़ाइन हाथ में उकेरे जाते हैं, जो हाथों की सुंदरता लो चार चाँद लगा देते हैं।
तीज कब है 2023
हरियाली तीज इस साल 19 अगस्त 2023 दिन शनिवार को है। हरियाली शब्द का मतलब हरे रंग से है। किसान अपनी फसल बो कर वर्षा ऋतु का इंतजार कर रहे होते हैं। हरे रंग का बहुत महत्व है। हरे रंग को भक्ति और श्रृंगार का प्रतीक भी माना जाता है। हरा रंग आंखों और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जहां सौभाग्य की निशानी है वही भगवान शिव को भी अति प्रिय है। सावन के महीने में प्रकृति में चारों तरफ हरे रंग की छटा बिखरी रहती है। सावन मास जहां शिव पार्वती के संगम का प्रतीक है वही भगवान शंकर की भक्ति के लिए सबसे उत्तम माह माना जाता है।
मेहंदी यहाँ पति पत्नी के प्यार और एक दूसरे के प्रति उनके समर्पण की भावना को दर्शाती है, वहीं खुशी और सौभाग्य को बढ़ाने की प्रतीक मानी जाती है। सावन के पावन महीने में पत्नी के हाथ में मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है माना जाता है कि उसे पति का प्यार उतना ज्यादा मिलता है।
![A front hand displaying mehndi design.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/07/bs-mehndi-2.webp)
हरियाली तीज का व्रत एवं मेहंदी की शुभता
श्रावण मास में आने वाली हरियाली तीज का व्रत अत्यंत पावन और फलदायक माना जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्रत आस्था, सौंदर्य और प्रेम का अद्भुत संयोग और शिव पार्वती के पुनः मिलन का द्योतक है। शिव पार्वती के अटूट संबंध को सावन के महीने में खूब उत्साह से मनाया जाता है। पूजा पाठ और अनुष्ठानों को करने के लिए सावन मास सबसे सर्वोत्तम माह है।
सुहागिन स्त्रियों के सोलह श्रृंगार में मेहंदी की शुभता विशेष महत्व रखती है। हाथों में मेंहदी के विविध डिजाइन जो सदियों से चले आ रहे हैं जैसे मोर, फूल पत्ते और विभिन्न पैटर्न देखने को मिलते हैं। मेहंदी जहां अपना रंग हर उत्सव में बिखेर देती है वहीं उसकी खुशबू शरीर को ठंडक देने के साथ तनाव और सिरदर्द की समस्या को भी दूर करती है।
![A back hand tattoo mehndi design.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/07/bs-mehndi-3.webp)
सुहाग चिन्ह एवं मेहंदी
तीज के बारे में थोड़ी और बात करते हैं। सुहागिन स्त्रियां माता तीज अर्थात देवी पार्वती की पूजा करती हैं और उन्हें सोलह सिंगार की वस्तुएं अर्पित करती हैं, जिसमें मेहंदी, महावर, चुनरी, साड़ी, आभूषण, कुमकुम, सिंदूर, चूड़ी आदि शामिल हैं। सुहागिन महिलाएं हरे परिधान के साथ-साथ हरी चूड़ियां, बिंदी, कंगन पहनती हैं और हाथों में पति के नाम की मेहंदी रचाती हैं। सोलह श्रृंगार कर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं।
सुहागिन स्त्रियोंके लिए मेहँदी सुहाग की प्रतीक है, अपने साजन के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने के लिए वह अपने हाथों में उनका नाम उकेरती हैं जो पत्नी के समर्पण की भावना की मूक अभिव्यक्ति है।
![A front hand mehndi design teej special.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/07/bs-mehndi-4.webp)
मेहँदी कुंवारी कन्याओं को भी पसंद
वह देवी पार्वती और शिव जी की आराधना करती हैं, जिससे प्रसन्न होकर वे उन्हें अखंड सौभाग्य तथा पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत का वरदान प्राप्त हो सके। हरियाली तीज का व्रत कुंवारी कन्या मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए रखतीं हैं। हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाओं के मायके से सिंघारा आता है, जिसमें कपड़े, गहने, श्रृंगार का सामान, मिठाई , मेहंदी, फल और चूड़ियां आदि भेजी जाती हैं, इसमें श्रृंगार के सामान को बहुत महत्ता दी जाती है।
सोलह श्रृंगार तब तक सम्पूर्ण नहीं माना जाता जब तक सुहागिन के हाथों में मेहँदी का कोन अपने रंग की आभा न बिखेर दे। हाथों को मेहंदी से सजाने में कई प्रकार के डिजाइनों में भारतीय मेहंदी, अरेबिक मेहंदी, हिंदू अरेबिक मेहंदी की शैलियों का संगम दिखाई देता है। छोटी बच्चियों से लेकर कुंवारी कन्याएँ भी मेहंदी लगाना पसंद करती हैं।
![A front hand teej mehndi design simple](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/07/bs-mehndi-5.webp)
मेहंदी शुभता का प्रतीक
पूजा पाठ के बाद लोकगीत गाकर अपने उत्साह को दुगुना किया जाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तीज पर झूला झूलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है इस दिन महिलाएं और कन्याएं झूला झूल कर बड़े हर्षोल्लास के साथ हरियाली तीज का उत्सव मनाती हैं। सभी सुहागिनें उस दिन एक दूसरे को सदा सुहागन रहने की शुभकामनाएं भी देती हैं। हरियाली तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं।
भारतीय परम्परा में प्रत्येक रीति रिवाज़ में मेहँदी को शुभता के रूप में द्योतित (indicate) किया जाता है। कोई धार्मिक कार्य हो, शादी ब्याह समारोह या तीज त्यौहार सबमें मेहँदी लगाने की विशेष महत्ता है।
![A front hand simple mehndi designs for teej.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/07/bs-mehndi-6.webp)
आधुनिक युग में मेहँदी का बदलता रूप
औरतें अपने माता-पिता से मिलने जाती हैं और आते हुए कई उपहारों को लेकर आती हैं। अन्य भारतीय त्योहारों की तरह ही तीज उत्सव में भी मिठाइयों का एक विशेष संयोग है, इस महीने घेवर काफी लोकप्रिय होता है। इसके साथ बालूशाही, जलेबी, शक्करपारा आदि प्रसिद्ध मिठाइयां हैं जो इस त्यौहार में चार चांद लगा देती हैं।
प्रत्येक स्त्री किसी पर्व के आगमन से पहले ही तैयारियों में जुट जाती है। आज कल बनाव श्रृंगार की प्रतिस्पर्धा के साथ साथ मेहँदी के डिज़ाइनों को अपनी सखियों एवं रिश्तेदारों से आधुनिक संचार के माध्यमों से शेयर करने को सब आतुर रहती हैं। वर्तमान समय में नयी पद्धतियां जैसे ग्लिटर, फ्लोरल मेहंदी, टैटू मेहंदी और भी कई अन्य प्रकार के नवीन डिजाइन प्रचलन में हैं।
![A front hand teej mehndi design easy.](https://bnavshringar.com/wp-content/uploads/2022/07/bs-mehndi-7-1.webp)
अन्य पढ़ें:
तीज कब है 2023?
हरियाली तीज इस साल 19 अगस्त 2023 दिन शनिवार को है।
तीज कब मनाई जाती है ?
हर मास में दो बार तीज आती है, लेकिन तीज का त्योहार हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है।
हरियाली तीज का व्रत एवं मेहंदी की क्या महत्व है ?
श्रावण मास में आने वाली हरियाली तीज का व्रत अत्यंत पावन और फलदायक माना जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। सुहागिन स्त्रियों के सोलह श्रृंगार में मेहंदी की शुभता विशेष महत्व रखती है।
छोटी कन्याएं तीज से किस तरह जुड़ाव महसूस करती हैं ?
तीज पर झूला झूलने और मेहँदी रचाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इससे ना सिर्फ सुहागिन औरतें वरन छोटी कन्याएं भी तीज से जुड़ाव महसूस करती हैं।